Wednesday, August 8, 2012

अंतिम विकल्प



        टीम अन्ना के राजनीति मे प्रवेश करने के निर्णय को सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है, परंतु ज्यादातर पत्रों मे इस खबर को नकारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिखाया गया है । मीडिया का कर्तव्य होता है सच्चाई को जनता तक पहुचाना, ना कि खबरों को तोड-मरोड कर पेश करना । सरकार के ध्यान ना देने के कारण अन्ना हजारे जी ने राजनीति मे आने का ऐलान किया । अब अन्ना जी के पास यही एकमात्र विकल्प शेष है । जब हमारी गूंगी-बहरी सरकार ना कुछ देखने को तैयार है, ना कुछ सुनने को तैयार है, जब नौ दिन  के अनशन के बाद भी सरकार की ओर से वार्ता करन्र के लिए कोई पहल नही हुई, तब अन्ना जी के पास क्या विकल्प बचता । पुलिस ने तो यहां तक कह दिया कि अगर अनशन स्थल पर किसी सदस्य के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है , तो उसके लिए आयोजक ही जिम्मेदार होंगे । सरकार की ज्यादती के सामने जान देने से तो अच्छा है कि उसके खिलाफ़ लडा जाए । अन्ना जी का राजनीति मे उतरने का फ़ैसला पूर्ण रूप से उचित और जनसमर्थित है । वैसे भी ज्यादातर नेता गाहे-बगाहे कहते ही रहे है कि अन्ना को राजनीति मे आना चाहिए । हो सकता है कि अब उन्ही नेताओ को अन्ना जी के इस फ़ैसले से परेशानी हो रही हो । 

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